न वाद
न विवाद
न अपवाद
न छायावाद
न प्रयोगवाद
न प्रगतिवाद
न अभिधा
न लक्षणा
न व्यंजना
न छंद
न गद्य
न कविता
न श्रृंगार
न ओज
न हास्य-व्यंग्य
न सिद्ध
न स्वयंसिद्ध
न प्रसिद्ध
न चिरकालिक
न समसामयिक
न राजनैतिक
मैं लिखती हूँ
सिर्फ और सिर्फ
खुद का खुद से सीधा संवाद
मेरे मन की बात,... प्रीति सुराना
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