Sunday 31 December 2017

विदा 2017 स्वागत 2018

यादों के समंदर को रीता करूं तो कैसे?
बीते लम्हों को खुद से जुदा करुं तो कैसे?
सुख-दुख, हार-जीत, मिलन-विछोह के साक्षी
ए जाते हुए साल तुम्हें विदा करुं तो कैसे?

विदा 2017 स्वागत 2018

प्रीति सुराना
31/12/2017

2 comments:


  1. बहुत अच्छी प्रस्तुति
    नववर्ष मंगलमय हो!

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