यादों के समंदर को रीता करूं तो कैसे?
बीते लम्हों को खुद से जुदा करुं तो कैसे?
सुख-दुख, हार-जीत, मिलन-विछोह के साक्षी
ए जाते हुए साल तुम्हें विदा करुं तो कैसे?
विदा 2017 स्वागत 2018
प्रीति सुराना
31/12/2017
copyrights protected
यादों के समंदर को रीता करूं तो कैसे?
बीते लम्हों को खुद से जुदा करुं तो कैसे?
सुख-दुख, हार-जीत, मिलन-विछोह के साक्षी
ए जाते हुए साल तुम्हें विदा करुं तो कैसे?
विदा 2017 स्वागत 2018
प्रीति सुराना
31/12/2017
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति
नववर्ष मंगलमय हो!
Happy New Year 2018, Become published author in just 30 days ,publish with us and get weekly 100% Royalty:http://www.bookbazooka.com/
ReplyDelete