Saturday 24 December 2011

अलविदा


अलविदा दोस्तों,हम फिर मिलें न मिलें,
माफ कीजिएगा,यदि हमसे हो तुमको गिले,

यूं तो जिंदगी में,
चलते ही  रहते हैं,
सुख-दुख के,
मिलने-बिछड़ने के सिलसिले,
अलविदा दोस्तों,हम फिर मिलें न मिलें,
माफ कीजिएगा,यदि हमसे हो तुमको गिले,

यूं तो आज हम,
आखरी बार मिले हैं,
हमें होगी खुशी अगर,
जिंदगी के सफर में फिर कभी मिलें,
अलविदा दोस्तों,हम फिर मिलें न मिलें,
माफ कीजिएगा,यदि हमसे हो तुमको गिले,

दुआ है मेरी कि,
हमेशा खुश रहो तुम,
कोई भी गम कभी,
तुम्हे न मिलें,
अलविदा दोस्तों,हम फिर मिलें न मिलें,
माफ कीजिएगा,यदि हमसे हो तुमको गिले,......प्रीति

0 comments:

Post a Comment