मैं हिन्दी हूँ
हाँ
मैं हिन्दी हूँ
भारत का सौभाग्य
जैसे माथे की बिंदी हूँ
मुझमें है एकता के सूत्र के सारे गुण
पिरो लेती हूं खुद में
सारी बोलियों और भाषाओं के सद्गुण
जन जन अगर जागे
तो संस्कृति की विरासत को
रखूंगी जिंदा
हाँ मैं संस्कृत और संस्कृति की बेटी हूँ
मैं हिंदी हूँ
हाँ
मैं हिंदी हूँ
प्रीति सुराना
सही कहा
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