Saturday 28 July 2018

अनुरक्त

खैर चलो अब चलें बहुत वक्त हुआ
इंतज़ार का सब्र भी अब खत्म हुआ
थक सी गई है उम्मीदें भी सारी
और मन भी विश्राम से अनुरक्त हुआ,...

प्रीति सुराना

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