खैर चलो अब चलें बहुत वक्त हुआ
इंतज़ार का सब्र भी अब खत्म हुआ
थक सी गई है उम्मीदें भी सारी
और मन भी विश्राम से अनुरक्त हुआ,...
प्रीति सुराना
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खैर चलो अब चलें बहुत वक्त हुआ
इंतज़ार का सब्र भी अब खत्म हुआ
थक सी गई है उम्मीदें भी सारी
और मन भी विश्राम से अनुरक्त हुआ,...
प्रीति सुराना
सुन्दर पंक्तियाँ
ReplyDeleteसुन्दर
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