कहते हैं
खुशियाँ बांटने से बढ़ती है
और गम बांटने से कम हो जाते हैं
पर
परिवार और परिजन
वो होते हैं जिनके साथ
हम भूल जाते हैं
सारे दर्द, सारी तकलीफें, सारी पीड़ाएँ!
साथ का अर्थ ही
सुकून है
हौसला है
जुनून है,...
दिल से आभार सभी का
जिनसे मेरे जीवन में
बहाव भी है, ठहराव भी है
बढ़ने की चाह भी है
और
ठहरना भी है
मुझे
आगे जाना है तो साथ अपनों के,
ठहरना है तो साथ अपनों के,
हालात से लड़ना है तो साथ अपनों के
और सबसे जरूरी बात
अपना खयाल रखना है
तो अपनों के लिए,..!
लव यू ऑल
डॉ प्रीति समकित सुराना
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