बीते हुए दिन की
लिखा-पढ़ी में
हासिल और खर्च के
हिसाब के बाद बची पूंजी का
अगले दिन शुरुआत पर
बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है,
ये भी जानती हूँ
भावनाओं के लेन-देन में
आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैय्या होता है,..
फिर भी
एक अरमान है दिल में
कभी तुम मिलो किसी मोड़ पर
तो पूछूँ तुमसे
जिंदगी की गुल्लक में
यादों की चिल्हर में
कोई सिक्का मेरे नाम का
तुम्हारे पास है क्या?
अगर हो तो
मेरी सारी जमा पूँजी लेकर भी
दे देना वो एक सिक्का
जो तुम्हारे लिए चिल्हर हो
पर मेरी जिंदगी भर की कमाई से भी
कीमती है,.
सुना है
हर अच्छे दिन की शुरुआत
एक अनमोल पल से होती है,
जिसकी नींव बीते हुए कल पर होती है
भले ही उस याद में अंश खारे पानी का है,
पर यकीनन वो मेरे लिए अनमोल मोती है,...!
डॉ प्रीति समकित सुराना



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