Thursday, 7 January 2021

गब्बर इस बैक 😾



सोच लिया है अब किसी पर एतबार नहीं करूँगी,
अपनों से भी प्यार का कभी इज़हार नहीं करुँगी।

दिल में रहने वालों ने ही सबसे ज्यादा दर्द दिया है,
आज और अब से किसी को अपने दिल में शुमार नहीं करुँगी।

बातों का गुण है कि बातें करने से ही बनती हैं ये बातें,
कोई कितना भी यकीन दिलाए अब किसी को राज़दार नहीं करुँगी।

पास रहकर, साथ होने का दिखावा छोड़ दो हमसाये लगने वालों,
समझदार दिल को अब किसी जख्म का तीमारदार नहीं करुँगी।

बातों की मीठी छुरी से लगे घावों को कब तक संभाला जाए,
सोच लिया है प्रीत अब खुद को और बीमार नहीं करुँगी।

डॉ प्रीति समकित सुराना

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