सच तो ये है
सिक्कों की गुलाम हो चली है दुनिया
और एक ही पहलू वाला
मैंने कोई खरा सिक्का नहीं देखा
एक सिक्का है मेरे पास
जिसके दोनों पहलू एक से हैं
पर मजबूर हूँ
वो बाजार में चलता ही नहीं
लोग बताते हैं
वो सिक्का खोटा है!
(अपने सिक्कों के संग्रह मेंसे एक सिक्के को निहारते हुए,.. अभी-अभी)
डॉ प्रीति समकित सुराना
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