जब
अपने बच्चे
आँखों के सामने बड़े होते हैं
तो खुद को खबर ही नहीं होती
और उनके साथ-साथ
हम भी तो बड़े हो जाते हैं
और
बढ़ जाती है जिम्मेदारियाँ भी,..
बहुत खुश हूँ आज
डॉ, इंजिनयर, सीए, सीएस, एमबीए, एंटरप्रेन्योर जैसे रास्तों
और कुछ तो मंजिल पर पहुँच चुके बच्चों की
दोस्त, मम्मी, चाची, बई, माँ, मम्मा, भाभी माँ, प्रीतिमा, प्रीति मॉं बनकर।
बहुत खुशी होती है बच्चों में
अपनी झलक देखकर,
रिश्तों को निभाने की ललक देखकर
और यूँ साथ-साथ चलकर भी
अपनी-अपनी मंजिल के प्रति सजगता और निष्ठा देखकर।
कृश को नीट में अच्छे रैंक के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ और बधाई!
साथ ही ईश से याचना
कि बना रहे जैनम-जयति-कृश का 16 साल पुराना याराना हमेशा-हमेशा!
डॉ प्रीति Samkit Surana
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