अच्छा लगता है
मुझको तुम संग वक्त बिताना *अच्छा लगता है*,
ख्यालों में तुम्हारा आना-जाना अच्छा लगता है।
जाने क्यों चुप-चुप रहते हो
आँखों से ही सब कुछ कहते हो
यूँ खमोशी से बतियाना अच्छा लगता है
मुझको तुम संग वक्त बिताना अच्छा लगता है,
ख्यालों में तुम्हारा आना-जाना अच्छा लगता है।
*मेरा मन* है तुम्हारा बसेरा
तुम संग ही रातें, तुम से ही सबेरा
तुमको यूँ ही पल-पल जीना अच्छा लगता है
मुझको तुम संग वक्त बिताना अच्छा लगता है,
ख्यालों में तुम्हारा आना-जाना अच्छा लगता है।
ये प्रेम रूहानी, रूह से नाता
कसमें-वादों का भी है खाता
हर लम्हे का हिसाब लगाना अच्छा लगता है
मुझको तुम संग वक्त बिताना अच्छा लगता है,
ख्यालों में तुम्हारा आना-जाना अच्छा लगता है।
तुम हर सुख-दुख का हिस्सा
प्रेम तुम्ही से, तुम पर ही गुस्सा
नाहक तुम पर हक़ जतलाना अच्छा लगता है
मुझको तुम संग वक्त बिताना अच्छा लगता है,
ख्यालों में तुम्हारा आना-जाना अच्छा लगता है।
*सुनो! कभी तो सच हो जाना*
अचानक ही मेरे सामने आना
सपनो का ऐसे सच हो जाना अच्छा लगता है
मुझको तुम संग वक्त बिताना अच्छा लगता है,
ख्यालों में तुम्हारा आना-जाना अच्छा लगता है।
डॉ प्रीति समकित सुराना
सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDelete