Saturday 15 August 2020

कुछ मित्रों का स्नेह ऋणी बनाता है


कई बार सोचती हूँ
नेह का मोल भला कोई कैसे चुकाता होगा?
बस मैं तो अपनी झोली में समेटती चली जा रही हूँ।
Rama Tekam जी एक जीवट और संघर्षरत महिला, प्रकृति प्रेमी, समाजसेवी जो कई जरूरतमंद महिलाओं और बच्चों के लिए आधारस्तम्भ की तरह हमेशा खड़ी होती हैं।
हुआ यूँ कि इन्हें 9 अगस्त को लाइव आना था अन्तरा शब्दशक्ति के पेज से पर तकनिकी कारणों से उस दिन लाइव नहीं हो पाया। समकित के जन्मदिन के दिन 2016 में रमा जी पहली बार हमारे घर आई थीं उन्ही यादों को लेकर लाइव न होने से बहुत भावुक हुईं, रोईं भी। मैंने कहा जन्माष्टमी को भी समकित का जन्मदिन होता है आप आ जाओ हैम मिलकर लाइव भी करेंगे और यादें भी ताज़ा करेंगे। और आज बहुत ही मधुरिम प्रस्तुति के साथ सीधे वारासिवनी से ही लाइव का प्रसारण हुआ।
बहुत खुशी होती है जब अन्तरा शब्द शक्ति के प्रति, मेरे इनका भावनात्मक और निःस्वार्थ जुड़ाव देखती हूँ तो मैं खुद भी भावुक हो जाती हूँ क्योंकि अन्तरा शब्दशक्ति मेरा अभिन्न हिस्सा है।
रमा जी वो पहली मित्र और अन्तरा शब्दशक्ति की सदस्य हैं जो बार-बार अन्तराशब्दशक्ति के लिए आर्थिक सहयोग के लिए तत्पर होती हैं अन्यथा आज के समय में कोई भी सामने से होकर नहीं कहता कि संस्था के लिए कोई आर्थिक सहयोग लें।
अभी तक मैंने अन्तरा शब्दशक्ति की कार्यकारिणी से भी आर्थिक सहयोग नहीं लिया है यकीनन जब जरूरत होगी रमा जी पहली सदस्य होंगी जिनसे मैं सहयोग के लिए कहूंगी।
दिल से आभार रमा जी का कि वो लाइव के लिए, अन्तराशब्दशक्ति के लिए और मेरे लिए बारिश में भी वारासिवनी आईं।
उज्ज्वल भविष्य और साहित्यिक गतिविधियों के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ।

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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