सच्चा हमसफर वो नहीं
जो हरदम पल्लू से बंधा रहे
सच्चा हमसफर वो है जो
कदम लड़खड़ाए तो हाथ थाम ले,
हौसला टूटे तो पहलू में ले ले,
आराम चाहूँ तो कांधे पर सिर रखने दे,
रोना आए तो मुझे सीने से लगा ले,
मेरी नादानियों में चाहे खुलकर मजाक उड़ाए,
पर मेरी सफलताओं में मेरी पीठ थपथपाए,
और हाँ!
जब सब ठीक चल रहा हो तो लड़ने के बहाने ढूंढे,
पर समय कैसा भी हो हर सुख-दुख में
केवल साथ न रहे बल्कि साथ निभाए।
सुनो!
खुशनसीब हूँ मैं जो तुम मेरी जिंदगी में आए।
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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