Friday, 7 August 2020

सच्चा हमसफर



सच्चा हमसफर वो नहीं 
जो हरदम पल्लू से बंधा रहे
सच्चा हमसफर वो है जो 
कदम लड़खड़ाए तो हाथ थाम ले,
हौसला टूटे तो पहलू में ले ले,
आराम चाहूँ तो कांधे पर सिर रखने दे,
रोना आए तो मुझे सीने से लगा ले,
मेरी नादानियों में चाहे खुलकर मजाक उड़ाए,
पर मेरी सफलताओं में मेरी पीठ थपथपाए,
और हाँ!
जब सब ठीक चल रहा हो तो लड़ने के बहाने ढूंढे,
पर समय कैसा भी हो हर सुख-दुख में 
केवल साथ न रहे बल्कि साथ निभाए।
सुनो!
खुशनसीब हूँ मैं जो तुम मेरी जिंदगी में आए।

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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