पिछले दिनों
जिंदगी और मौत के अजीब मंजर देखे,
समूचे शहर को डुबाते हुए समंदर देखे,
एक पल में बदल जाता है पूरा नज़ारा,
कुछ हादसे सड़कों पर कुछ घर के अंदर देखे,
अब रोने से भी डरने लगी हूँ मैं
जाने किस पल क्या हो जाएगा
नहीं चाहती कि ये ख्वाब अधूरा छोड़ूँ
मेरी ख्वाहिश हँसते हुए गुज़र जाने की है!
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
सुन्दर भाव।
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