मेरी खुशियाँ
बिल्कुल वेताल सी है
आती है
पर मनाना चाहूँ
विक्रम की तरह
तो झट से चकमा देकर
बहुत दूर किसी लम्हे पर
अटक जाती है
जिंदगी फिर से बुनती है
नई कोई कहानी
तुमसे मिलने की
पर फिर बिछड़ने के डर से
घबराती है,...
सुनो!
मेरी हर खुशी तुम हो,..
हाँ!
तुम्हारी याद आती है,..
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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