Monday, 17 August 2020

खुद की समीक्षा

हाँ!

खुद को समझने के लिए
खुद की ही समीक्षा के लिए
पढ़ रही हूँ 
आजकल खुद की ही किताबें
पन्ने दर पन्ने
खुद को पाती हूँ कुछ अलग
हर किताब में खुद में पाती हूँ कुछ नया
पर समझ ही नहीं पाती
खुद को खुद कैसे समझूँ?
जबकि जानती हूँ
जरूरी है
किसी भी तरह खुद का खुद तक पहुँचना
खुद की संतुष्टि के लिए,..!

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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