जिन्दगी चाहती थी
तुम्हारा साथ
और
तुम साथ होकर भी साथ नहीं थे
तुम रहो पास
पर
तुम पास होकर भी पास नहीं थे
तुम करो प्यार
लेकिन
तुम्हारे प्यार में इज़हार नहीं था
मैं चाहती थी
तुम्हारी होना
मगर
तुम्हारी होकर भी मैं तुम्हारी जिंदगी नहीं थी!
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
सु न्दर
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDelete