खो जाने से पहले
मिल जाना आकर
एक बार मुझसे
जैसे प्यासी धरा पर
सावन की पहली बारिश की बूंद
जिसे अमृत से अवशोषित कर
जी उठती है धरा
ताकि फसल बोयी जा सके
तन मन धन और जन के पोषण के लिए!
हाँ!
मिल जाओ एक बार
मुझमें ही
खो जाने से पहले!
बोलो मिलोगे न?
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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