Saturday, 29 August 2020

है प्यार मेरा यूँ हीं मासूम सा

मैं दर्द से बिलखूं कभी तो बाहों में भर
जो मैं तड़प के रो दूँ तो तू प्यार कर

हाँ ख्वाहिशें हैं मेरी बहुत छोटी-छोटी 
छुपा ले पहलू में जो कभी जाऊं मैं डर

जागती मिलूँ जो कभी किसी शब तुझे
करवट बदल ले और मुझे बाहों में भर

ज़िद में मचल जाऊं कभी बच्चों सी मैं
तू सुला मुझे लगा कर सीने से रात भर

हाँ! सुन, है प्यार मेरा यूँ हीं मासूम सा
कर ये वादा निभाएगा रिश्ता उम्र भर

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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