हर इंसान के मन मे अनेक सूचियां होती है
वो पांच काम जो मुझे अगस्त में करने हैं
1. कोरोना के काल में, पूरे आधे साल में,
नहीं किया आराम, जो अब मुझे करना है।
2. अधूरे पड़े हैं कई काम, आलस्य के बहाने,
जरूरी है पूरे करना, कर्तव्य है निभाने।
3. साहित्य को समर्पित है जीवन, साहित्य की ही भक्ति,
खुद की ही नहीं, बल्कि बढ़ानी है अन्तरा शब्दशक्ति।
4. बच्चों के भविष्य का, है ये नया मोड़
उन्हें देना है दिशा, संस्कारों से जोड़।
5. देश भक्ति, समाज सेवा, परिवार के लिए समर्पण,
इन सब के साथ संभालना है स्वास्थ्य, ये हैं मेरे पाँच प्रण।
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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