Wednesday 15 July 2020

ऐ अधूरेपन

तेरे होने से
बनी हुई है ललक 
थोड़ा जीने की
कुछ पाने की
नया बनाने की
सोचती हूँ कई बार
सब कुछ पूरा मिला होता
तो जीवन में हम करते क्या?
इच्छाएँ आज अधूरी है
तो उम्मीद तो है, कर्म तो है, भविष्य तो है
अन्यथा मोक्ष भी न मिलता 
क्योंकि कर्म के खातों के 
जमा-बाकी के संतुलन के बिना तो
वह भी संभव नहीं,..
समझने लगी हूँ
जो होता है अच्छे के लिए ही होता है।
शुक्रिया तुम्हारा

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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