नहीं है कोई शिकायत तुझसे,
क्योंकि तूने बदली नहीं फितरत कभी
अच्छा हो या बुरा तू आता है
क्रम से,
समय पर,
कर्मफल के अनुरुप!
तुझे जानती हूँ बहुत अच्छी तरह
इसलिए
जब कर्मफलों की फसल बुरी आने लगी
तो तुझे कोसने की बजाय
किया चिंतन
कि किन बीजों में कौन सी कमी रह गई
या कहीं रोपने की क्रिया तो गलत नहीं थी?
क्योंकि विश्वास है तुम्हारे हर फैसले पर!
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
0 comments:
Post a Comment