समय हुआ है प्रतिकूल
यहाँ मानव हुआ दरिंदा है
दमघोंटू माहौल में भी
देखो हर कोई जिंदा है
हालत हुए बद से बदतर
शर्मिंदा लेकिन कोई नहीं
हौसले के आकाश में उड़ता
उम्मीद का एक परिंदा है।
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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समय हुआ है प्रतिकूल
यहाँ मानव हुआ दरिंदा है
दमघोंटू माहौल में भी
देखो हर कोई जिंदा है
हालत हुए बद से बदतर
शर्मिंदा लेकिन कोई नहीं
हौसले के आकाश में उड़ता
उम्मीद का एक परिंदा है।
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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