Friday 29 May 2020

कम से कम



नाराज होकर
बहुत सताया
सच क्या था न सुना न सुनाया,
बिफरा बेहद
बिखरा बेसबब
लड़ा भी बहुत और धीरज गंवाया,
खूब झल्लाया
खूब चिल्लाया
गुबार सारा का सारा बहाया,
रुलाया तो रुलाया,
खुलकर सब जताया,
कह डाला जो भी उसके जी में आया,
खुश हूँ दिल से
अपना तो माना,
मतलब की दुनिया में यूँ रिश्ता निभाया,
मुश्किल बहुत है 
सच्चों का मिलना
जो भीतर से है वो ही बाहर दिखाया,
कम से कम 
मुझसे कुछ भी न छिपाया
खुशकिस्मत हूँ मैं जो मैंने तुझे पाया।

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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