Friday, 17 April 2020

आज से बाईस साल पहले

आज से बाईस साल पहले
हम दो अजनबी 
सात वचनों के बंधन में बंधकर
परिवार और समाज की साक्षी से
दाम्पत्य सूत्र में बंधे।

तन्मय 
और फिर जुड़वा बच्चों
जयति-जैनम ने 
इस रिश्ते को मजबूत करते हुए मम्मी-पापा होने का गौरव 
और दायित्व दिया।

जिसका निर्वहन करते हुए
हर अभाव और प्रभाव में
हर सुख और दुख में
हर कर्तव्य और दायित्व में
हम साथ-साथ चले
लड़े-झगड़े तो भी दाम्पत्य का पुट 
जीवन में रचा-बसा कर,
कदम से कदम मिलाकर,
एक दूसरे का हौसला बनकर,
एक दूसरे की प्रतिभाओं और गुणों को 
अवसर और सानिध्य देकर,
एक दूसरे की गलतियों को माफ करके,
एक दूसरे की गलतियों को सुधारने में सहायक बनकर।

कहते हैं 
जब बच्चे वयस्क हो जाते हैं 
तो पति-पत्नी का रिश्ता दोस्ती का हो जाता है,
हम तो वो खुशकिस्मत रहे जो 
पहली मुलाकात से ही दोस्त बनकर 
एक-दूसरे की ढाल बने, साथ रहे, साथ चले,..
इसलिए आज जब तनु 21 का 
और जैनम-जयति 18 के हो गए
हम वादा करते हैं
कि हमारा रिश्ता और हमारी दोस्ती 
और भी गहरी होगी,..।
अब विवाद-संवाद से ज्यादा 
साथ होने भर से प्रगाढ़ता का अनुभव करेंगे।

जिस तरह पिछले बाईस सालों में
मेरी सपने तुम्हारे
और तुम्हारी खुशियां मेरी 
प्राथमिकता रहे हैं
हमनें जिस तरह एक-दूसरे से ही नहीं
बल्कि एक-दूसरे के रिश्तों, कर्तव्यों और इच्छाओं का सम्मान किया है,
ठीक वैसे ही
जब तक हम हैं
हमारा रिश्ता, हमारी मित्रता
अटूट बंधन होगी।

आओ!
आज फिर 
उन सात वचनों को दोहराते है
सुख में, दुख में, धर्म में, कर्म में, कर्तव्य में, अधिकार में और प्रेम में  
इन सात सोपानों में 
हम साथ थे, हैं और रहेंगे
जीवनसाथी जीवनभर और जीभर,...!

सुनो!
शादी के बाईस बरस साथ देने
और सही मायनों में साथ होने के लिए
ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएँ और आभार!
तुम्हें भी मुझे भी♥️😘

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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