Sunday, 22 March 2020

बड़े काम की है ये तन्हाइयाँ

खुद के साथ बैठ कर बतियाना
खुद ही खुद को समझाना
दुविधाओं से बाहर निकलना
अपनों का महत्व समझना
साथ की ताकत साथ रहकर भूल जाते हैं सब
अकेलापन सब कुछ महसूस करवाता है
याद दिलाता है रिश्तों की अहमियत
सच बड़े काम की है ये तन्हाइयाँ!

डॉ प्रीति समकित सुराना

0 comments:

Post a Comment