Friday, 13 March 2020

घर छोड़कर जाना पड़ता है

#कभी अपनों की खातिर अपनी खुशियों को भुलाना पड़ता है
मंजिल तक पहुंचना हो तो कठिन डगर से भी जाना पड़ता है
सब कुछ नहीं मिलता है सबको घर पर बैठे बिठाए ये सच है
कभी-कभी सपनों की खातिर घर छोड़कर भी जाना पड़ता है

#डॉ प्रीति समकित सुराना

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