#जिस राह तू चला है
वो आसान लगती है
पर मान मेरी बात
वो भरमाती रहेगी
मंज़िल पास आकर भी
तुझसे दूर जाती रहेगी!
पलट आ ओ मुसाफ़िर
फिर से उस डगर पर
जो मुश्किल तो थी
पर हम साथ भी थे
पा ही लेते मंज़िल
लड़कर साथ बाधाओं से!
फिर से है गुज़ारिश
पलट आ ओ मुसाफ़िर,..
#डॉ प्रीति समकित सुराना
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