Tuesday, 17 March 2020

पलट आ ओ मुसाफ़िर

#जिस राह तू चला है
वो आसान लगती है
पर मान मेरी बात
वो भरमाती रहेगी
मंज़िल पास आकर भी
तुझसे दूर जाती रहेगी!

पलट आ ओ मुसाफ़िर
फिर से उस डगर पर
जो मुश्किल तो थी
पर हम साथ भी थे
पा ही लेते मंज़िल
लड़कर साथ बाधाओं से!

फिर से है गुज़ारिश
पलट आ ओ मुसाफ़िर,..

#डॉ प्रीति समकित सुराना

0 comments:

Post a Comment