#ये हँसने की बात नहीं
बिल्कुल सच है
एक बार उसने
हँसकर कहा था
मुश्किल राह पर
कमजोर पैरों से चलकर जाना
तुम्हारे लिए संभव नहीं है,
बस
तभी से मेरी ज़िद थी
मुझे इस पार आना था
वो उस पार ही खड़ा है
अब भी जाने क्यों?
#डॉ. प्रीति सुराना
copyrights protected
0 comments:
Post a Comment