Saturday, 8 February 2020

अभी भी कह सकते हो


क्या हुआ
जो अब तक
तुमने बयां नहीं की
लफ़्ज़ों में मुहब्बत
प्यार के तीन लफ्ज़ ही तो हैं
आँखों से नहीं
छुअन से नहीं
इधर उधर की बातों से नहीं
बल्कि
सीधा-सीधा,..
हाँ!
मुझे तो तुमसे प्यार था, है और रहेगा
मैं कर रही हूँ
इंतज़ार
तुम अभी भी कह सकते हो।
कहो न प्यार है,..!

प्रीति सुराना

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