Friday, 28 February 2020

वजह कुछ भी नहीं थी

#मैं खुद में खोई हुई थी
जागती आंखों में भी 
सोई हुई थी
आँखों का रतनार होना 
बस एक इत्तफ़ाक था
तुमने समझ लिया
मेरी आँखें रोई हुई थी
वजह कुछ भी नहीं थी
बस थोड़ी फिक्र सी थी
मन के आंगन में
एक नई फसल
सपनो की बोई हुई थी
सुनो!
तुम न करो इतनी फिक्र मेरी
मैं ठीक हूँ
बस करना दुआ 
बेईमान मौसम न बदले,..!

#प्रीति सुराना

0 comments:

Post a Comment