#ऊंचाई पर उड़ते परिंदों से पूछती हूँ
तो कहते हैं
जब तक पर हैं तब तक जहान है
अंधेरों में टिमटिमाते तारों से पूछती हूँ
तो कहते हैं
जब तक रातें नसीब हैं जगमगाहट है
रोशनी से पूछा मुस्कुराने का सबब
तो कहती है
जब तक सूरज है मेरी चमक बरकरार है
सुनो!
आखिर में
उन सबने पूछा क्या है तुम्हारी जिंदगी में?
मैंने कहा
मेरी सांसे, मेरी धड़कन,
मेरी जिंदगी,
सब कुछ तुम्हीं पर थमी है,..!
तुम हो तो जिंदगी में क्या कमी है?
#प्रीति सुराना
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