Friday, 2 August 2019

पत्थर दिल

दर्द सहते  रहे और ताउम्र चैन से  सो न सके
बहुत रोये पर अपनी पलकें भी भिगो न सके
कुछ हालात, कुछ जिम्मेदारियाँ, कुछ आदत
पत्थर तो बन गए पर पत्थर दिल हो न सके।

प्रीति सुराना

0 comments:

Post a Comment