Wednesday, 31 July 2019

सुनो कहानी (29/07/2019) की!

आओ दोस्तों, सुनो कहानी!
एक हैरान परेशान सी स्त्री (इंसान?) की,..

दर्द रोज रहता है,जाने कैसे सहती है?
फिर भी सक्रिय है, गाहे बगाहे खुश भी रहती है,..!
सूजकर चेहरा दो गुना बड़ा हुआ था,
स्तन कैंसर जागरण का अभियान छिड़ा हुआ था,
पीड़ा देखकर स्वजनों ने चिंता दिखाई
दो साल हो गए हैं एक बार फिर से सारी जांचें करवाओ भाई!
दर्द था, तकलीफ थी ऐसे में लगा चलो एक बार यह भी कर लूँ,
एक बड़े से अस्पताल में सम्पूर्ण शारीरिक जाँच की व्यवस्था थी,
कार्ड बनवाया, नम्बर लगवाया और बैठ गई इंतज़ार में।
कंप्लीट ब्लड यूरिन टेस्ट, ईसीजी, इको, टीएमटी, सोनोग्राफी, मेमोग्राफी, पोस्ट मील ब्लड टेस्ट सबकुछ करवाया।
रिपोर्ट्स के इंतज़ार में कैंडी क्रश और फार्मसागा ने पूरा साथ निभाया।
जैसे तैसे समय बीता, फाइल तैयार डॉक्टर्स से मिलने का समय आया।
पहले ही डॉ ने समझाया, दिल कमजोर और बड़ा है, और थोड़ा कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ा है,
अखरोट, बादाम और सलाद खाइये, तेल मिर्च से खुद को बचाइए,
अगले कक्ष में एक और चिकित्सक हैं उनसे भी जरूर मिलकर जाइये।
हम अगले कक्ष में पहुंचे, डॉ ने फ़ाइल देखी,
लीवर फैटी है, गॉलब्लेडर रिमूव्ड है, अंतड़ियों में जरा सी सूजन और यूरिक एसिड काफी बढ़ा है,
बादाम, अखरोट, दालें सब बंद किडनी को इनसे खतरा है,
आराम कीजिये और परहेज का खाइये
अगले कक्ष में स्त्री रोग विशेषज्ञ से जरूर मिलकर जाइये,..
हम फाइल लेकर पहुंचे डॉ साहिबा के पास,
फाइल देखकर उनका चेहरा हो गया थोड़ा सा उदास,
देखकर धड़कने मेरी भी हुई थी थोड़ी बदहवास,
पर शान्ति से उन्होंने पूछा छोटी सी उम्र में यूट्रस और ओवरी दोनों निकल गई,
हार्मोन्स की इतनी समस्याओं के साथ जिंदगी कैसे चल गई?
स्तन में गांठे है, कैल्शियम का डिपॉजिट है
पर आप खुशकिस्मत हैं अभी कैंसर खतरा नहीं है पर मुझे मालूम है इसमें बेहद दर्द है,
लगातार चेकअप करवाइए, दवाइयाँ लिख रही हूँ वो खाइये,
दर्द कम न हो तो तुरंत मिलिए वरना तीन महीने बाद फिर से पूरी जाँचे करवाइए।
अनिद्रा, अल्सर, पथरी, पाईल्स, पैरों की तकलीफ और सूजन के लिए एक अच्छे फिजिशियन को दिखाइए,
तनाव मत लीजिए, जिंदगी खुश रहकर बिताइए,..!
सभी डॉ. की अलग-अलग दवाओं की लिस्ट
दिमाग में क्या खाएँ, क्या न खाएँ की कश्मकश और फेहरिश्त,...!
लौटकर बुद्धु घर को आए,
वही कमरा, वही बिस्तर,
वही दर्द और वही जिम्मेदारियाँ,
हज़ार सवाल दिमाग में, धड़कने फिर बेकाबू
और फिर वही इंजेक्शन, दवाई, स्लीपिंग पिल्स के साथ जीने का संकल्प और ज़िद,..😊😂

प्रीति सुराना

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