Saturday 22 June 2019

दर्द की बदलियाँ है गीत कैसे लिखूँ,.....!

दर्द की बदलियाँ है
गीत कैसे लिखूँ,.....!

घुटन की उमस है
शीत कैसे लिखूँ
दर्द की बदलियाँ है
गीत कैसे लिखूँ

मौसम गिरगिट की
सीख रहा है फितरत
मन पर डालता असर
प्रीत कैसे लिखूँ

मन लड़ता है खुद से
बातें खुद ही बनाता
हारता खुद ही खुद से
जीत कैसे लिखूँ

कुछ पलों की खुशी
कुछ पलों में गम है
ठहरता ही नहीं पल
बीत कैसे लिखूँ

झीने से हैं पर्दे
जेहन और दिल के बीच
दिखता सब आर-पार
भीत कैसे लिखूँ

दोस्ती रखती नहीं
न दुश्मनी है किसी से
न कोई हमराज है तो
मीत कैसे लिखूँ

दिन में दिनकर तम दिखाता
समय दिखाता दिन में तारे
सृष्टि की अठखेलियों की
रीत कैसे लिखूँ

दर्द की बदलियाँ है
गीत कैसे लिखूँ,.....!

प्रीति सुराना

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