Friday, 18 January 2019

बंटवारा

तेरा-मेरा के फेर में जो हमारा था वो खो दिया,
सब तो साँझा था बंटवारे में किसको क्या दिया,
टुकड़े-टुकड़े अरमानों के आँगन में बिखरे पड़े,
नज़ारा देखकर पलकों पर रखा सपना रो दिया,..!

प्रीति सुराना

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