हर बात को
कहा-सुना समझा
ये मान लेना
ये मान लेना
कठिन समझना
नासमझ को
नासमझ को
क्या कहना सुनना
जड़ ही है वो
जड़ ही है वो
संवेदना विहीन
पाषाण जैसा
पाषाण जैसा
कठोर व निर्मम
चोट तय है
चोट तय है
टूटना सुनिश्चित
ये जीवन है
ये जीवन है
छल धोखा फरेब
मृत्यु सरीखा
मृत्यु सरीखा
सावरण जीवन
कफन साथ
कफन साथ
झूठ का प्रतिपल
ताउम्र मृत
ताउम्र मृत
कहना या सुनना
व्यर्थ ही है
प्रीति सुराना
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