Saturday 29 December 2018

औकात

वफ़ा मिली
चाहत मिली
भरोसा मिला
पर लौटाने की औकात नहीं रही
नीयत खराब थी
सब रख लिया छुपाकर
लो
आज दिवालिया घोषित किया
खुद को
सरे बाज़ार हमनें,...!

प्रीति सुराना

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