Saturday, 17 November 2018

तालमेल

सपनो के लिए समर्पित हुए तो अपने छूट जाते हैं
अपनों के लिए समर्पित हुए तो सपने टूट जाते हैं
जब भी तालमेल बिठाना चाहा सपनो और अपनों में
कभी समय कभी किस्मत कभी हालात रुठ जाते हैं

प्रीति सुराना

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