अन्तरा-शब्दशक्ति और लोकजंग
(साहित्य के सफ़र की महत्वपूर्ण यादें)
आज से ठीक 2 साल पहले यानि 1 नवम्बर 2016 को #"अन्तरा-शब्दशक्ति" ने दैनिक संध्या समाचार पत्र #"लोकजंग" के साथ शुरू किया था। आज सफलता पूर्वक 2 साल पूरे हुए प्रकाशन की इस संधि को। अब तक सोमवार से शुक्रवार के 2 वर्ष में 500 से अधिक पेज अन्तरा-शब्दशक्ति के प्रकाशित हुए जिसमें अबतक लगभग 1800 नवांकुर व स्थापित रचनाकारों को प्रकाशित किया गया है तथा अब तक लगभग 4000 रचनाएं एवं अन्तरा-शब्दशक्ति के आयोजनों, गतिविधियों और उपलब्धियों के साहित्यिक समाचार प्रकाशित किये गए हैं।
जिसके लिए अन्तरा-शब्दशक्ति परिवार लोकजंग परिवार एवं लोकजंग के संस्थापक "आ. सैफुद्दीन सैफ़ी" जी का आभार व्यक्त करता है।
प्रयास जारी है
काफिला बढ़ता रहे
आपकी दुआओं से
ये सफर यूँ ही चलता रहे,...
डॉ प्रीति सुराना
संस्थापक
अन्तरा-शब्दशक्ति
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