हाँ !
जमाना कितना भी आधुनिक हो जाए
मीटू हीटू शीटू हो या #wetoo
औरत की इस समस्या का कोई उपचार नहीं,..
उसे बोलना तभी होगा
जब किसी को सुनना हो
वरना बड़बड़ा सकती है
लड़ सकती है
सुना सकती है
पर अपनी मर्जी से साथ बैठकर
हाथ थामकर बता सके
इतना भी आधुनिक ज़माना नहीं आया।
अगर वह प्रेम में है
तो इंतज़ार करे
उस पल का
जब तुम्हारे साथी के पास समय के साथ
उसका मन भी हो कि वो सुने,...
हाँ! हाँ! हाँ!
बिल्कुल,....ये भी प्रेम ही है,....
सुनो!
जब फुरसत में रहो
तब फिर से देना आवाज़
मैं
निकालूंगी
तमाम जरूरी कामों में से समय
जो अकसर मैं
खुद के लिए भी नहीं निकाल पाती,...
क्योंकि!
सचमुच मैं तुम संग प्रेम में हूँ,..
प्रीति सुराना
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