Thursday, 14 June 2018

बरसात रात और फूल

सुनाया गीत महफ़िल में , जरा सी बात में किसने ।
हंसी सा फूल गुलशन में, खिलाया रात में किसने ।
ख़ुशी की बात ही तो थी, ख़ुशी यूं ही मना लेते,
छलक कर घोल डाला यूं,नशा बरसात में किसने । ,...प्रीति सुराना

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