Wednesday, 30 May 2018

दिल ही है

दिल ही जुड़ता है दिल से
तो दुखता भी दिल ही है,
क्षमा, प्रेम, क्रोध, दूरियां
सभी का दर दिल ही है,
बस एक छोटा सा संदेशा
मेरे अपनों तक ये पहुंचाना,
टूटना/तोड़ना रोकना क्योंकि
हर रिश्ते की नींव दिल ही है,..
प्रीति सुराना

1 comment:

  1. दिल एक खिलौना है.
    टूटता भी है और बहलाता भी है.

    कविता और मैं

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