Tuesday, 20 February 2018

कई दर्द

मुझे इंतज़ार रहा पूरी रात तेरा,
पता ही न चला और सुबह हो गई,..
जाग उठे कई दर्द तेरे इंतज़ार में
और हौले से आँखें भी नम हो गई,...

प्रीति सुराना

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