Sunday, 31 December 2017

प्रथम अधिकार

हाँ! मुझे नई संभावनाओं और अपने सपनों से प्यार है,
पर भावनाओं की गोद में पलता मेरे सुख-दुख का संसार है,
अपने स्वाभिमान पर कोई ठेस मुझे कतई स्वीकार नहीं,
मेरी निश्चल भावनाओं का सम्मान मेरा प्रथम अधिकार है।

प्रीति सुराना

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