Tuesday 14 November 2017

मासूमियत

बच्चों सी ज़िद
बच्चों सी शरारतें
बच्चों सा गुस्सा
बच्चों सा रूठना
बच्चों सा बिफरना,...

सबसे अच्छी बात
बड़ी ही सरलता से
थोड़ा सा प्यार
थोड़ा सा दुलार पाकर
तुम्हारा मान जाना,...

और
मुझसे तुम्हारा अथाह प्रेम
मुझ पर तुम्हारा अटूट विश्वास
मेरे लिये
सबसे सुखद एहसास,....

साथ ही तो है मेरा बचपन
शामिल तुममें
नहीं लौटना मुझे अतीत की यादों में
खुश हूं जिंदगी के सफ़र में
हर कदम आगे बढ़ते हुए तुम्हारे संग,..

सुनो!!
मेरे तुम
बस तुम अपनी मासूमियत
यूं ही
बरकरार रखना,.....

प्रीति सुराना

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