Wednesday, 13 September 2017

मदारी का खेल

कभी मदारी का खेल देखा है??
बंदर मार खा खाकर
इतना सीख जाता है
कि
मदारी के इशारों पर नाचने लगता है,
उसे लगता है
यही प्यार है
उसका
जिसे वो अपना मालिक
और
अपना सबकुछ समझता है।
रिश्तों में अतिभावुकता
और
अति विश्वास और समर्पण
इंसान को वही बंदर बना देता है
और जिससे हमें प्रेम हो उसे
*मदारी*
मदारी लाख दुख पहुंचाए
न बंदर भगता है
न उबता है
इसे ही अपनी नियति मानकर
मदारी के इशारों पर
दिखाता है तमाशे
दुनिया को,..
कितने ही रिश्ते होंगे
हमारे ही आसपास ऐसे ,...
हो सकता है
हम खुद भी जी रहे हो
दुनियादारी की खातिर,
दिखावे की खातिर
या
अपनी
बेवकूफियों की खातिर,....
ऐसा ही कोई रिश्ता

जस्ट लाइक अ इमोशनल फूल
पर हिम्मत नही कि कर लें कबूल,....

प्रीति सुराना

फीलिंग लाइक नाच मेरे बंदर तुझे पैसा मिलेगा,.... 🤣🤡😭🤔🤗😔😡⚠

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