दशहरे की तैयारियां दिख रही है
हर जगह,
हर गली,
हर डगर में,
आग मिट्टी पानी वनस्पति और हवा
होंगे तरबतर
अब
बारूदी जहर में,
एक ही गलती के लिए हिंसा बार बार,
अहिंसा के
देश में
ये कैसा त्योहार?
खुद ही बनाकर मिटाने को हो गया तैयार
रावण
हर गाँव हर शहर में,....
प्रीति सुराना
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