सुख के सैलानी
आज अस्पताल के जनरल वार्ड का रूप ही बदला हुआ था। सभी के बिस्तरों पर नई चादर, साफ सुथरा वार्ड, कुछ महीनों से पड़े मरीजों के चेहरे पर चमक और ठीक होने की ललक भी।
डॉ सुनीता ने नाइट ड्यूटी वाले अपने सहयोगी डॉ से माज़रा पूछा तब उन्होंने बताया कि स्पेशल रूम में हार्ट के ऑपरेशन के मरीज ठाकुर साहब जिनका पूरा परिवार एक कार एक्सिडेंट में चल बसा है।अकेले हैं पर पैसा बहुत है और उन्ही पैसों के लालच में मुखौटा लगाए रिश्तेदारों लोगों का आना जाना कतई नही सुहाता।
कल अपने वकील से अपनी विल बनवाकर अपनी सारी संपत्ति इस हॉस्पिटल को दान दे दी और खुद जनरल वार्ड में शिफ्ट हो गए ताकि अकेलेपन के साथी मिल जाएं क्योंकि उन्हें स्पेशल रूम में अकेले घुटन होती थी। उन्होंने ही ये सारे बदलाव करवाए हैं।
इस वार्ड में अधिकतर लाचार और बेबस लोग थे जो सुविधाएं नही जुटा पाते। पर अब तो रोज का नियम बन गया वार्ड की सफाई, दूध और फलों का वितरण और अधिकतर चेहरों के साथ इस *सुख के सैलानी* यानि खुद ठाकुर साहब के चेहरे पर मुस्कान।
प्रीति सुराना
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